जबलपुर
लव जिहाद पर राज्य सरकार द्वारा लाए गए अध्यादेश पर मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने मुख्य सचिव सहित विधि एवं विधायी कार्य विभाग के प्रमुख सचिव और गृह सचिव को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है।

मामला अध्यादेश की संवैधानिकता को दी गई चुनौती से जुड़ा है। इस पर चीफ जस्टिस मोहम्मद रफीक खान और जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की डिवीजन बेंच ने यह नोटिस जारी किए हैं। याचिका साकेतनगर भोपाल निवासी दिल्ली विश्वविद्यालय में विधि के छात्र अमृतांश नेमा द्वारा दायर की गई है। याचिका में आरोप है कि 9 जनवरी 2020 को मध्यप्रदेश सरकार द्वारा धर्म स्वातंत्र्य अध्यादेश लाया गया है। इस अध्यादेश के अनुच्छेद 2(1)स और 4,10 तथा 12 देश के संविधान की ही मूल भावना के खिलाफ हैं। संविधान के अनुच्छेद 14 में समानता का अधिकार, 19 में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, 21 में जीवन जीने का अधिकार, 25 और 28 में वर्णित धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार का उल्लंघन है। याचिका पर अगली सुनवाई 31 मार्च को होगी।

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